नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने यूनाइटेड को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। पश्चिम बंगाल के बगनान में मौजूद इस बैंक की खराब वित्तीय हालत को देखते हुए RBI ने ये कदम उठाया है। RBI का कहना है कि बैंक के पास पर्याप्त लिक्विडिटी नहीं है और ना ही भविष्यु में उसकी कमाई की कोई उम्मीद है, इसी लिए यूनाइटेड को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस कैंसल किया गया है। आरबीआई ने कहा है कि 13 मई, 2021 के बिजनेस ऑवर खत्म होने के बाद यह बैंक अब किसी भी तरह का बैंकिंग बिजनेस नहीं कर सकता है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साफ-साफ कहा है कि यूनाइटेड को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड द्वारा जमा किए गए दस्तावेज के मुताबिक सभी डिपोजिटर्स को डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) से उनकी जमा राशि वापस मिल जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि जमाकर्ता को DICGC Act, 1961 के प्रावधानों के मुताबिक DICGC से पांच लाख रुपए तक की राशि डिपोजिट इंश्योरेंस क्लेम के तहत मिल सकेगी।
रिजर्व बैंक ने कहा कि ये बैंक बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट, 1949 (Banking Regulation Act, 1949) के कुछ प्रावधानों को पूरा नहीं कर रहा था। रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक की जैसी वित्तीय स्थिति है, वो अपने जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा। बैंक अगर अपना कामकाज चालू रखता है तो ये ग्राहकों के हितों के खिलाफ होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए बैंक का लाइसेंस रद्द करने का का फैसला किया गया है। बैंक की सभी गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है।