नई दिल्ली। सरकार ने आज राज्यसभा में माना कि रिजर्व बैंक ने चुनावी बाँड को लेकर कुछ चिंता व्यक्त की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि चुनावी बाँड जारी करने के मामले में हितधारक होने के नाते रिजर्व बैंक से शुरू से ही विचार विमर्श जारी था और उसने कुछ सवाल भी उठाये थे। सवाल यह था कि इन बाँडों को जारी कौन करेगा। बाद में यह पता चलने पर कि भारतीय स्टेट बैंक की ओर से बाँड जारी किये जायेंगे तो रिजर्व बैंक की केन्द्रीय बोर्ड समिति ने अपनी बैठक में इसके लिए परोक्ष सहमति दी थी।
केन्द्रीय समिति की गत 11 अक्टूबर की बैठक में कहा गया था, गत 27 सितम्बर को हुई बैठक में लिये गये निर्णयों के अनुसार बैंक द्वारा लिखे गये पत्र के बाद सरकार के साथ हुए प्रबंधन के विचार विमर्श पर अध्यक्ष ने चुनावी बांडों के संबंध में समिति को सूचित किया था। समिति ने पत्रक रूप में चुनावी बांडों को जारी नहीं करने के बैंक के निर्णय का समर्थन किया था और टिप्पणी की थी कि यदि सरकार एसबीआई के माध्यम से पत्रक रूप में चुनावी बांडों को जारी करने का निर्णय लेती है तो तो बैंक को चाहिए कि सरकार को ऐसा करने दे। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ये चुनावी बांड गोपनीय रखे जाते हैं और किसी मुकदमे के सिलसिले में न्यायालय के आदेश पर ही इनकी जानकारी दी जा सकती है।