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केंद्र ने बढ़ाई RSS प्रमुख की सुरक्षा, मिलेगी Z+ से तगड़ी सिक्योरिटी लेयर, मोदी-शाह जैसा होगा सुरक्षा घेरा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 28 2024 1:12PM | Updated Date: Aug 28 2024 1:12PM
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केद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा को और मजबूत कर दिया है। गृह मंत्रालय उनकी सुरक्षा जेड प्लस से बढ़ाकर ASL (एडवांस्ड सिक्योरिटी लिएजॉन) में तब्दील किया है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जैसी सुरक्षा मिली है। एएसएल सुरक्षा पीएम और गृह मंत्री को मिलती है। सूत्रों के मुताबिक, आरएसएस प्रमुख भागवत की सुरक्षा में बढ़ोतरी के फैसले को अंतिम रूप कुछ दिन पहले ही दिया गया है। उन्हें अभी तक केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के साथ जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी।

सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय को कुछ राज्यों में भागवत की सुरक्षा में ढिलाई देखने को मिली थी, जिसके बाद नए सुरक्षा प्रोटोकॉल पर काम किया गया और उनकी सुरक्षा को मजबूत किया गया। ऐसा माना जा रहा है कि वह कई भारत विरोधी संगठनों के निशाने पर हैं। बढ़ती चिंता और तमाम एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद गृह मंत्रालय ने भागवत को एएसएल सुरक्षा देने का फैसला किया। सुरक्षा बढ़ाए जाने के संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जानकारी दी गई है। अब नई सिक्योरिटी के बाद CISF की टीम उस स्थान पर पहले से ही मौजूद रहेगी जहां मोहन भागवत को दौरा होगा।

एएसएल स्तर की सुरक्षा के मुताबिक, इसमें संबंधित जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य विभागों जैसी स्थानीय एजेंसियों की भागीदारी होती है, यानी जिस लोकेशन पर किसी कार्यक्रम के लिए मोहन भागवत जाएंगे वहां एडवांस में ही एक टीम मौके का निरक्षण करने जाएगी। उसके बाद ग्रीन सिग्नल मिलेगा। ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही उन्हें मौके पर जाने की इजाजत दी जाएगी।

आरएसएस प्रमुख को जून 2015 में सीआईएसएफ के 55 कमांडो की जेड-प्लस सुरक्षा मिली थी। इससे पहले यूपीए सरकार ने भी उन्हें साल 2012 में जेड-प्लस सुरक्षा कवर देने का आदेश दिया था, लेकिन तब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने कर्मियों और वाहनों की कमी का हवाला देते हुए ये सुरक्षा देने में असमर्थता जताई थी। उस समय सुशील कुमार शिंदे गृह मंत्री थे।

जेड प्लस सुरक्षा सबसे अहम मानी जाती है। इस सुरक्षा में 55 कमांडो तैनात किए जाते हैं, जो 24 घंटे सुरक्षा पाने वाले वीआईपी के साथ रहते हैं। सुरक्षा में तैनात जवान नेशनल सिक्योरिटी गार्ड यानी NSG के कमाांडो होते हैं। इन कमांडो की ट्रेनिंग बहुत सख्त होती है और ये पलक झपकते ही दुश्मन का खात्मा कर देते हैं। एनएसजी के कमांडो का चयन केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों में किया जाता है।

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