नई दिल्ली। भारत की पूर्व PM इंदिरा गांधी ने 70 के दशक में देश में इमरजेंसी लागू कर दिया था। जिस पर अब 46 साल बाद बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत फिल्म बनाने जा रही हैं। फिल्म में कंगना आयरन लेडी इंदिरा गांधी की भूमिका में नजर आएंगी। वह न सिर्फ इंदिरा गांधी का किरदार निभाएंगी, बल्कि फिल्म का डायरेक्शन भी खुद ही करेंगी। इसी बारे में विस्तार से जानकारी लेने के लिए व इंदिरा गांधी को करीब से जानने के लिए प्रयागराज आने वाली हैं। साथ ही इंदिरा गांधी के पैतृक आवास आनंद भवन भी जा सकती हैं। वहीं कांग्रेसियों ने प्रयागराज में कंगना के आने और इंदिरा गांधी का किरदार निभाने का खुलकर विरोध किया है और अपनी नाराजगी जाहिर की है।
कांग्रेसियों ने आरोप लगाया है कि इमरजेंसी पर फिल्म के बहाने इंदिरा गांधी की छवि खराब करने और 2022 में बीजेपी को चुनावी फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। दूसरी तरफ बीजेपी ने इस फिल्म के बनने पर कांग्रेसियों की दुकान बंद होने का खतरा बताया है। बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि इंदिरा के नाम पर इतराने वाली कांग्रेस उन्हीं के द्वारा लगाई गई इमरजेंसी का जिक्र छिड़ते ही परेशान क्यों हो उठी है। कांग्रेस ने कंगना को प्रयागराज में घुसने नहीं देने का ऐलान किया है तो वहीं बीजेपी ताल ठोंककर यह दावा कर रही है कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित देश की बेटी कंगना को योगी सरकार के कानून राज में कोई भी प्रयागराज आने से जबरन रोक नहीं सकता है।
जब कंगना रनौत ने फिल्म का नाम इमरजेंसी बताकर इसका डायरेक्शन खुद ही करने का दावा किया, तो बॉलीवुड से लेकर सियासी गलियारों तक ये खबर आग की तरह फैल गई। बाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए यह बात भी साफ हो गई कि इमरजेंसी फिल्म इंदिरा गांधी के पूरे जीवन पर नहीं, बल्कि सिर्फ प्रधानमंत्री रहते हुए 25 जून 1975 को उनके द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल पर ही आधारित होगी, फिर तो लोगों के लिए यह चर्चा का विषय ही बन गई। सिर्फ इमरजेंसी पर फिल्म बनाए जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। सियासी गलियारों में आते ही आरोपों-प्रत्यारोपों का सिलसिला शुरू हो गया। जहां कांग्रेस नेता बाबा अभय अवस्थी ने कंगना पर पीएम मोदी की तोती होने का आरोप लगाया, तो वहीं भाजपा विधायक संजय गुप्ता ने कांग्रेस के विरोध को बेवजह बताते हुए कहा कि कांग्रेस कंगना का विरोध कर अपनी बौखलाहट ही दिखा रही है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस फिल्म के माध्यम से इंदिरा गांधी की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के अलावा इस फिल्म में इंदिरा गांधी के जीवन के सभी पहलुओं को दिखाया जाना चाहिए।