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मध्यप्रदेश को बनाएं कोरोना मुक्त और रोगमुक्त: सीएम शिवराज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 1 2020 8:32PM | Updated Date: Jul 1 2020 8:33PM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना से जंग हम सबको मिलकर लड़ना है। हमारी जीत निश्चित है। हम सभी संकल्प लें कि मध्यप्रदेश को कोरोना मुक्त और रोगमुक्त बनायें। आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य दिवस से आगामी 15 दिवस तक संचालित होने वाले ‘किल कोरोना’ अभियान का भोपाल के समन्वय भवन में शुभारंभ किया। 
 
इस मौके पर उन्होंने कोरोना के खात्मे के लिए किल-कोरोना अभियान में आमजन से सक्रिय सहयोग का आव्हान किया। मुख्यमंत्री ने 'सार्थक लाइट' एप का शुभारंभ किया। उन्होंने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रकाशित ‘द स्ट्रेटेजी डाक्यूमेंट कोविड-19 रिस्पांस टू रिकवरी सस्टनेबल साल्यूशन’ बुकलेट का भी लोकार्पण किया।
 
चौहान ने कोरोना के प्रति जागरूकता लाने वाले आईईसी वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर सांसद प्रज्ञा ठाकुर, विधायक रामेश्वर शर्मा, कृष्णा गौर और सुरेन्द्र सिंह शेरा उपस्थित थे। समन्वय भवन में सोशल डिस्टेंसिग का ध्यान रखते हुए बैठक व्यवस्था की गई थी।
 
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य दिवस और डाक्टर्स-डे पर इस अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में चिकित्सकों और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के समर्पित प्रयासों से कोरोना के नियंत्रण की वर्तमान स्थिति बनी है। डॉक्टर को भगवान माना जाता है। मध्यप्रदेश में भी इस मान्यता को चरितार्थ करते हुए चिकित्सकों ने इतिहास रचा है। उन्होंने दिन-रात लगातार संक्रमण से प्रभावित लोगों की सेवा की।
 
उन्होंने कहा कि बहुत से चिकित्सक रात्रि में अपने चार पहिया वाहन में ही सोये। कई चिकित्सकों ने अपने नवजात बच्चों का चेहरा भी नहीं देखा और अस्पताल में ड्यूटी पर बने रहने के कारण परिवार के सदस्यों से दूरी बनाये रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे चिकित्सक अभिनंदन के पात्र हैं। डॉक्टर्स के साथ ही नर्सिंग स्टाफ, वार्ड बॉय, अन्य स्वास्थ्य कर्मी, आंगनवाड़ी वर्कर और आशा बहनों ने भी सेवा का इतिहास रचा है।
श्री चौहान ने कहा कि यह भावना न होती तो बीमारी विनाश की ओर ले जा सकती थी। उन्होंने स्वैच्छिक संगठनों का भी आभार माना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के चमत्कारिक नेतृत्व से जहाँ पूरे देश में कोरोना नियंत्रण में सफलता मिली है, वहीं मध्यप्रदेश में स्थिति अच्छी है। आईआईटीटी अर्थात आइडेंटिफिकेशन संदिग्धों और मरीजों की जल्द पहचान, आइसोलेशन संदिग्ध मरीजों के पृथक वास और पुष्ट मरीजों को अस्पतालों के पृथक वॉर्डों में भेजना, टेंिस्टग ज्यादा से ज्यादा नमूनों की जांच और इलाज की सुविधाएं बढ़ाने की रणनीति से रोग को नियंत्रित करने में सफलता मिली है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन माह पूर्व एक जांच लैब थी और सिर्फ 60 टेस्ट प्रतिदिन होते थे। अब हम प्रदेश में कोरोना की जांच के लिए 30 लैब विकसित करते हुए प्रतिदिन 9 हजार टेस्ट तक पहुंच गये हैं। प्रदेश का रिकवरी रेट 77 प्रतिशत है। यह अन्य प्रदेशों से अच्छा है। संक्रमण कम हो गया है। हमारी व्यवस्थाएं मजबूत हैं। हम निजी अस्पतालों का भी सहयोग ले रहे हैं। जिलों में आईसीयू बेड पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
 

 

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