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आर्थिक आत्म निर्भरता के लिए एमएसएमई सेक्टर को भी बनायेंगे सशक्त

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 16 2020 12:18AM | Updated Date: May 16 2020 1:00AM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में सूक्ष्म, लघु, और मध्यम उद्योग इकाईयों को लाभान्वित एवं सशक्त कर आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।  चौहान मंत्रालय में एमएसएमई सेक्टर के उद्योगों और उसके फलस्वरूप श्रमिकों को होने वाले लाभ के संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे।  उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा ऐसी इकाईयों के लिए किए जा रहे नये प्रावधानों के संदर्भ में मध्यप्रदेश सरकार उन प्रावधानों के क्रियान्वयन के साथ ही राज्य स्तर पर भी राहत दिए जाने के निर्णय लेगी।
 
उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग को निर्देश दिए कि प्रदेश में इस सेक्टर को दिए जाने वाले लाभ के बारे में रणनीति तैयार करें। उन्होंने केन्द्र सरकार के प्रस्तावित प्रावधानों के अनुरूप प्रदेश के छोटे और मझोले उद्योगों को इस दायरे में लाकर लाभ प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर अतिरिक्त रूप से एमएसएमई सेक्टर को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए विचार मंथन कर निर्णय का प्रारूप तैयार किया जाए।
 
बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि आज एमएसएमई सेक्टर को कार्य के अधिक अवसर मिल रहे हैं, इनका लाभ लिया जाना चाहिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग श्रीमती दीपाली रस्तोगी, आयुक्त संस्थागत वित्त अमित राठौर, प्रबंध संचालक लघु उद्योग निगम इलैया राजा टी., सचिव मुख्यमंत्री एम. सेलवेन्द्रन उपस्थित थे।
 
मुख्यमंत्री ने एक अन्य बैठक में प्रवासी श्रमिकों को राशन कार्ड के बिना खाद्यान्न उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऐसे निर्धन परिवार जो राशन कार्डधारी नहीं है अथवा उनके पास अन्य पहचान कार्ड नहीं है उन्हें भी खाद्यान्न प्रदान करने के लिए व्यवस्था की जाए। इन श्रमिकों को आवश्यकतानुसार मनरेगा कार्यों से भी जोड़ा जाए।
 
कोरोना संकट में परेशान श्रमिकों को दो माह का राशन मिल जाने पर बड़ी राहत मिलेगी। राज्य में मानसून में भी मनरेगा के अंतर्गत जो कार्य संचालित करना संभव होंगे, उसकी व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए मनरेगा बजट में वृद्धि के लिए भारत सरकार से चर्चा की जाएगी। श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और उन्हें तत्काल राहत पहुँचाने के उद्देश्य से अन्य आवश्यक कदम भी उठाए जाएंगे। 
 
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