भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना के मौजूदा संकट से प्रदेश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होने के साथ ही मजदूरों, छोटे व्यवसायियों की आजीविका पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इसलिये प्रदेश में तुरंत ऐसी आर्थिक गतिविधियाँ प्रारंभ की जाना चाहिये, जिनसे जरूरतमंदों को राहत मिल सके। चौहान ने आज यहाँ मंत्रालय में प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में एक करोड़ 17 लाख गरीब परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े हैं। इन्हें योजना का लाभ दिया जा रहा है। इसके अलावा, 32 लाख अन्य श्रेणियों के व्यक्तियों को भी योजना का लाभ दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमें अब छोटे व्यवसायियों, मॉल आदि में काम करने वाले कर्मचारियों, फूल एवं सब्जी उत्पादक किसानों आदि की भी चिंता करनी होगी। छोटे स्व-रोजगारी जो किसी भी योजना में सहायता के लिये पात्र नहीं है, उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना की सहायता दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि महिला स्वसहायता समूह विभिन्न आर्थिक गतिविधियों का अच्छी तरह संचालन करती हैं, जिससे उनके परिवारों का भरण पोषण होता है। चौहान ने कहा कि महिला स्वसहायता समूहों को उनकी गतिविधियाँ संचालित करने के लिए ऋण दिलवाए जाएं और उनका सामान बेचने में भी उनकी मदद की जाए।
इससे प्रदेश के लाखों परिवारों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के जो जिले कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं, वहाँ सबसे पहले जल-संसाधन तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ कराए जाएं। प्रत्येक ठेकेदार को निर्देशित किया जाए कि वह गाइड लाइन का पालन करे तथा मजदूरों से सामाजिक दूरी बनवाते हुए कार्य करवाए। इसके लिए उन्हें बार-बार सलाह दी जाए। चरणबद्ध तरीके से मनरेगा के कार्य भी प्रारंभ कराए जाएँ।