नई दिल्ली: महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली के बाद अब राजस्थान भी इलेक्ट्रिक वाहन नीति की घोषणा करने राज्यों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है। राजस्थान नई ईवी नीति के जरिए इलेक्ट्रिक टू और थ्री-व्हीलर्स के लिए नकद सब्सिडी की शुरुआत करके ऐसे वाहनों की बिक्री और उत्पादन को बढ़ावा देना चाहता है।
ईवी नीति में कहा गया है कि राजस्थान इलेक्ट्रिक वाहनों के उपभोक्ताओं को जीएसटी (एसजीएसटी) के तहत वसूले जाने वाली राशि को वापिस ग्राहको को लौटा देगा। ये सब्सिडी अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच इलेक्ट्रिक वाहन खरीदेंगे उन्हें यह लाभ मिलेगा। इस SGST रिफंड के अलावा, सभी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर उपभोक्ता अतिरिक्त नकद सब्सिडी के पात्र होंगे। इस नकद सब्सिडी की राशि बैटरी के आकार के आधार पर ₹5,000 और ₹20,000 के बीच होगी।
इस नीति के तहत 2 kWh और 5 kWh से अधिक की बैटरी क्षमता के वाहनों पर ₹5,000 और ₹10,000 के बीच का नकद लाभ देंगे। दूसरी ओर के 3 kWh और 5 kWh से अधिक की बैटरी क्षमता वाले इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों पर ₹10,000 और ₹20,000 के बीच का नकद लाभ प्राप्त होगा।
हालांकि, अन्य राज्यों के विपरीत, राजस्थान सरकार इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों या इलेक्ट्रिक बसों के लिए कोई नकद सब्सिडी नहीं देगी। इसके अलावा, दो और तिपहिया वाहनों के लिए ईवी सब्सिडी की मात्रा महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली की तुलना में कम है।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) को प्रमुखता से चलन में लाने के लिए भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन इस लक्ष्य के बीच सबसे बड़ी चुनौती इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें हैं, जो पारंपरिक ईंधन पर चलने वाले वाहनों से काफी ज्यादा होती हैं। इस मुश्किल से निपटने के लिए बीते दिनों भारत सरकार ने एक अहम घोषणा की है।
गौरतलब है कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को तेजी से अपनाने और निर्माण के उद्देश्य से, केंद्र ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर सब्सिडी बढ़ाकर ईवी निर्माताओं पर बोझ कम करने का फैसला किया है। भारी उद्योग विभाग द्वारा हाल ही में जारी एक अधिसूचना के अनुसार, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी को ₹15,000 प्रति kWh तक बढ़ा दिया गया है, जो पहले की सब्सिडी दर से ₹5,000 प्रति kWh ज्यादा है।