नई दिल्ली। हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का पर्व विशेष महत्व रखता है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो एक-दूसरे के प्रति उनके प्यार, देखभाल और सुरक्षा का प्रतीक है। बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। साथ ही इस दिन बहनों को उपहार देने का भी चलन है। भद्रा काल का निर्माण होने के कारण इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व 2 दिन यानी 30 और 31 अगस्त को मनाया जाएगा।
रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन का पर्व भाई -बहन के रिश्तों की अटूट डोर का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की आरती उतारकर (औक्षण करके) प्रेम के प्रतीक स्वरूप राखी या रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए कामना करती हैं। साथ ही भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं। भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में रक्षाबंधन का पर्व प्राचीन समय से मनाया जा रहा है।
क्यों लगाई जाती है 3 गांठ
वैसे तो संख्या 3 को शुभ नहीं माना जाता, लेकिन राखी की बात करें तो धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के अनुसार, राखी में तीन गांठ लगाना बेहद शुभ होता है। इन तीन गांठों का संबंध त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश से माना गया है।
इससे होता है गांठ का संबंध
मान्यता है कि राखी बांधते समय पहली गांठ भाई की लंबी उम्र के लिए लगाई जाती है, दूसरी गांठ बहन की लंबी उम्र के लिए होती है और तीसरी गांठ भाई-बहन के रिश्ते में प्यार और मिठास लाने के लिए होती है। इसलिए राखी बांधते समय इस उसमें तीन गांठ जरूर लगानी चाहिए।