नई दिल्ली। साल का चौथा ग्रहण (4th Eclipe) और तीसरी चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) इस महीने की पांच तारीख को लगने जा रहा है. ये ग्रहण 30 दिनों के भीतर लगने वाला तीसरा ग्रहण है। जुलाई माह की 5 तारीख को चंद्रग्रहण लगेगा विज्ञान जहां चंद्रग्रहण को महज एक खगोलीय घटना मानता है वहीं ज्योतिष में इसे अशुभ घटना के रूप में देखा जाता है।
यह चंद्रग्रहण 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह 8 बजकर 38 मिनट से आरंभ होगा 09 बजकर 59 मिनट में यह परमग्रास में होगा और 11 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगा इस प्रकार चंद्रग्रहण की अवधि 2 घंटा 43 मिनट और 24 सेकेंड की होगी इस उपच्छाया चंद्रग्रहण को अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के हिस्सों में देखा जा सकेगा महत्वपूर्ण बात ये है कि भारत में यह दिखाई नहीं देगा इसलिए यहां पर ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा ग्रहण में लगने वाला सूतक काल एक अशुभ अवधि होती है।
जो ग्रहण से पूर्व लगता है और ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म होता है चंद्र ग्रहण में सूतक ग्रहण लगने के समय से 9 घंटे पहले प्रभावी हो जाता है वहीं सूर्य ग्रहण में यह ग्रहण के समय से 12 घंटे पूर्व ही लग जाता है सूतक लगने के बाद पूजा पाठ, देवी-देवताओं की मूर्ति को स्पर्श, भोजन आदि नहीं किया जाता है सूतक काल के दौरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं, ताकि देवी-देवताओं पर ग्रहण की काली छाया न पड़ें।
ज्योतिष विज्ञान के नजरिए से देखें तो यह चंद्र ग्रहण धनु राशि में लगेगा ज्योतिषीय गणना के अनुसार, धनु राशि में 30 जून को देव गुरु बृहस्पति प्रवेश कर चुके हैं इस राशि में राहु भी मौजूद है अतः ग्रहण के दौरान बृहस्पति पर राहु की दृष्टि धनु राशि को प्रभावित करेगी चंद्रमा कमजोर होने से मन अशांत और नकारात्मक विचार आ सकते हैं इसलिए इस अवस्था में सावधान रहें मन को एकाग्र रखने के लिए ध्यान लगाएं।