जो भी हमारे पौराणिक धर्मग्रंथों सेपरिचित है, वह जानता है कि शकुनि कौन था। अक्सर महाकाव्य कुरुक्षेत्र युद्ध के पीछे का मास्टरमाइंड माना जाता है और एक शक्तिशाली साम्राज्य को विनाश के कगार पर लाने का जिम्मेदार भी वही है। हस्तिनापुर की बर्बादी के पीछे शकुनि का ही हाथ माना जाता है।
वह वास्तव में पांडवों का दुश्मन नहीं था बल्कि वह कौरवों का नाश करना चाहता था। इसका एक कारण ये था कि वह अपनी बहन गांधारी की शादी के खिलाफ था जो धृतराष्ट्र से हुई थी और दूसरा हस्तिनापुर के पूर्वजों ने गांधार के पूरे वंश को नष्ट कर दिया था। इसलिए, शकुनि ने कसम खाई कि वह कौरवों को भी समाप्त कर देगा।
लेकिन वह कभी जुए में हारा नहीं था। वो जो भी कहता वही पासे आ जाते थे। ऐसे में उसके सामने कोई नहीं टिक सकता था। लेकिन उसके पासे मामूली नहीं थे। ऐसा माना जाता था कि शकुनी के पासे उनके पिता की जांघ हड्डियों से बने थे, मगर असल में ये हाथी दांत से बने थे। अपने इसी खास पासे की वजह से वो चौपड़ के खेल के बादशाह बन गए थे।