वैदिक ज्योतिष अनुसार राशि चक्र, नवग्रह, जन्म राशि के आधार पर गणना की जाती है। मूलत: नक्षत्रों की गणना और गति को आधार बनाया जाता है। मान्यता अनुसार वेदों का ज्योतिष किसी व्यक्ति के भविष्य कथक के लिए नहीं, खगोलीय गणना तथा काल को विभक्त करने के लिए था।
यह वक्त भी कमोबेश आपके लिये फलदायक ही रहेगा। इस अवधि में आप योग ध्यान करके आध्यात्मिक मार्ग की ओर प्रशस्त हो सकते हैं। इसके साथ ही अपने स्वास्थ्य के प्रति भी आप विशेष रुप से सतर्क रहेंगे।जो छात्र विदेशों में जाकर शिक्षा अर्जित करना चाहते हैं उनके सपने पर रोक लग सकती हैं। जो लोग 50 की उम्र पार कर चुके हैं उन्हें अपने स्वास्थ्य का इस दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिये।
आय के नये स्रोत इस दौरान आपको मिल सकते हैं। कारोबार करते हैं तो नई योजनाओं को लागू करके धन कमा सकते हैं। घर के किसी सदस्य को समाज में कोई उपलब्धि हासिल हो सकती है। आपको नई जॉब या फिर वर्तमान जॉब में तरक्की पाने के नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
वह लोग मेष, तुला, सिंह, वृश्चिक, कर्क और कुंभ राशि वाले हैं