नई दिल्ली। चीन लगातार सैन्य ताकत मजबूत करते हुए खतरनाक हथियारों का परीक्षण कर रहा है, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है। ये बात अब अमेरिका के रक्षा प्रमुख ने भी कही है। उन्होंने कहा कि चीन के हाइपरसोनिक हथियारों के परीक्षण से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष के साथ सियोल में वार्षिक सुरक्षा वार्ता के बाद गुरुवार को यह टिप्पणी की। ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका चीन की सैन्य क्षमता को लेकर चिंतित है और चीन को ‘बड़ी चुनौती’ मानता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ‘अपने और अपने सहयोगियों का (चीन से) संभावित कई खतरों के खिलाफ बचाव में सहयोग जारी रखेगा। ’ चीन ने हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण इसी साल जुलाई महीने में किया था। ऑस्टिन ने कहा, ‘यह सिर्फ इस बात को रेखांकित करता है कि हम पीआरसी को चुनौती क्यों मानते हैं।
चीन की बढ़ती सैन्य ताकत और एशिया में अमेरिकी प्रभुत्व को समाप्त करने के उसके अभियान ने वाशिंगटन में बेचैनी पैदा कर दी है। अमेरिका तभी से ज्यादा चिंता जता रहा है, जब से चीन ने हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया है। जो कोई मामूली बात नहीं है। इस मिसाइल ने अपने लक्ष्य को भेदने और वातावरण में प्रवेश करने से पहले पृथ्वी का चक्कर लगाया था। विशेषज्ञों का कहना है कि ये हथियार सिस्टम स्पष्ट रूप से अमेरिकी मिसाइल डिफेंस से बचने के उद्देश्य से तैयार किया गया है, हालांकि चीन ने जोर देकर कहा कि वह दोबारा इस्तेमाल होने वाले अंतरिक्ष यान का परीक्षण कर रहा था। उत्तर कोरिया पर ऑस्टिन ने कहा कि उन्होंने और दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री सुह वूक ने उत्तर कोरिया के खतरे का सामना करने के लिए द्विपक्षीय एकता सहित कई विषयों पर चर्चा की है। ऑस्टिन ने कहा कि दोनों इस बात पर सहमत हुए हैं कि उत्तर कोरिया की मिसाइल और अन्य हथियार कार्यक्रमों की प्रगति ‘क्षेत्रीय सुरक्षा को तेजी से अस्थिर कर रही है। ’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया उत्तर कोरिया के साथ कूटनीतिक रुख अपनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।