लखनऊ। UP के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने सांसद व विधायकगणों के साथ प्रदेश के सभी 18 मंडलों में संचालित विकास परियोजनाओं की गहन समीक्षा के बाद शनिवार को मंत्रीगणों व अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस विशेष बैठक में मुख्यमंत्री वर्तमान वित्तीय बजट में प्राविधानित राशि के उपयोग की विभागवार समीक्षा की और जन अपेक्षाओं के अनुरूप विकास कार्यों को तेज करने संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले माह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और जी-20 के कार्यक्रमों के उपरांत आगामी वित्तीय वर्ष का बजट आंकलन प्रस्तुत किया जाना है। सभी विभाग अपनी भावी योजनाओं के अनुरूप बजट के लिए अपना प्रस्ताव तैयार कर भेजें। आगामी बजट 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप होगा। बजट प्रस्ताव में लोककल्याण संकल्प पत्र के बिंदुओं का समावेश करें। यह सुनिश्चित करें कि आपका प्रस्ताव वास्तविक हो। जितनी आवश्यकता हो, उतनी ही डिमांड करें।
योगी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 समाप्त होने में अब दो माह ही शेष हैं। वर्तमान वित्तीय बजट की समाप्ति से पूर्व सभी विभागों द्वारा वर्तमान बजट में प्राविधानित धनराशि का यथोचित खर्च किया जाना सुनिश्चित किया जाए। विभाग स्तर भी पर खर्च की समीक्षा भी जाए। संबंधित मंत्रीगण भी अपने विभागीय स्थिति की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग द्वारा आगामी बजट प्रावधान तय करते समय वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभाग के प्रदर्शन को भी दृष्टिगत रखा जाए। विभाग की मांग के अनुरूप ही बजट प्राविधान किया जाए। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा हमें हर संभव सहायता मिल रही है। केंद्र से सामंजस्य स्थापित कर अवशेष धनराशि प्राप्त करें। विभागीय मंत्री स्वयं भारत सरकार के मंत्रीगणों से संवाद करें। योगी ने कहा कि आवंटन के अनुरूप खर्च में होमगार्ड, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, कृषि, पशुपालन, सहकारिता, लोक निर्माण विभाग, दिव्यांग जन सशक्तिकरण, एमएसएमई, नगर विकास, वन, व्यावसायिक शिक्षा को प्रयास तेज करने होंगे। इन विभागों में अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं संचालित हो रही हैं, इन्हें प्राथमिकता के साथ पूरा कराएं।