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दिल्ली में कांग्रेस को बड़ा झटका, शीला सरकार में मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने छोड़ा 'हाथ' का साथ

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 24 2024 6:25PM | Updated Date: Apr 24 2024 6:25PM
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नई द‍िल्‍ली। दिल्ली में लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। राजकुमार चौहान उत्तर पश्चिमी दिल्ली से टिकट के दावेदार थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। यहां से उदित राज को टिकट दिया गया है। वहीं, बताया जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने बैठक में उनके साथ अभद्रता की थी, जिससे आहत होकर उन्होंने यह कदम उठाया है।

राजकुमार चौहान ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा क‍ि मेरे पिता और दादा एवं पूरा परिवार कांग्रेस से जुड़ा हुआ है। आप के द्वारा एक मीटिंग पहले दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर पर बुलाई गई थी। मीटिंग को दफ्तर से कैंसल कर दीपक बावरिया जनरल सेक्रेटरी इंचार्ज (दिल्ली) के ऑफिस में बुलाई गई। उस मीटिंग में 20-25 वरिष्ठ कांग्रेस नेता मौजूद थे। मैंने जैसे ही अपनी बात शुरू की तो जनरल सेक्रेटरी ने मीटिंग से बाहर जाने के लिए चार-पांच बार कहा। फिर भी तब मैंने अपनी बात कही। यह बात मैंने बंद कमरे में चल रही मीटिंग में कही थी। ये पार्टी के अनुशासन के खिलाफ नहीं है। यह हमारी पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र है जहां हम अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं।

राजकुमार चौहान ने कहा क‍ि मैं चार बार विधायक रहा हूं और तीन बार मंत्री रहा हूं। मैंने हमेशा पार्टी के अनुशासन में रह कर काम करता रहा हूं, हो सकता कि मेरी भावनाएं आहत होने की वजह से ऐसे शब्द निकल गए हों जिससे कि आपकी भावनाएं आहत हुई हो तो मैं खेद व्यक्त करता हूं। राजकुमार चौहान ने कहा क‍ि मैं कांग्रेस महासचिव दीपक बावरिया द्वारा अपमानित किए जाने के चलते मैंने इस्तीफा दिया है। दीपक बावरिया ने मेरा अपमान किया, मेरी बात सुने बिना मुझे गेट आउट बोला था। राजकुमार चौहान ने एक बार फिर उदित राज को उम्मीदवार बनाए जाने पर सवाल भी उठाए।

उन्होंने आगे कहा क‍ि मेरा मकसद ये कभी नही हो सकता कि मेरी वजह से कांग्रेस को नुकसान हो। चुनाव का समय है। जिस तरह से मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी दिन-रात पार्टी की मजबूती के लिए मेहनत कर रहे हैं, मैं कभी सपने में भी नहीं सोच सकता कि पार्टी को किसी तरह का नुकसान हो। मैं दलित समाज से हूं। जिस समाज के लिए चाहे आजादी से पहले या बाद में हो, हमेशा कांग्रेस दलित समाज के लिए चट्टान की तरह खड़ी रही है। मैं उन सब बातों का आदर करते हुए जो निर्णय आप लेगें, मैं उसे सहस स्वीकार करूंगा।

 
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