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चुनाव से पहले ही BJP उम्मीदवार की जीत, सूरत सीट पर बीजेपी कैंडिडेट मुकेश दलाल निर्विरोध जीते

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 22 2024 4:17PM | Updated Date: Apr 22 2024 4:18PM
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अहमदाबाद। लोकसभा चुनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी के लिए गुजरात से अच्छी खबर आई है। सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने के बाद बाकी बचे 8 उम्मीदवारों ने भी अपने नाम वापस ले लिए हैं, जिसके बाद बीजेपी की निर्विरोध जीत तय हो गई है। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में बीजेपी का खाता भी खुल गया है। यहां से भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल हैं।
 
दरअसल, सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी चुनाव अधिकारी के समक्ष अपने तीन में से एक भी प्रस्तावक को मौजूद नहीं रख पाए थे जिसके बाद चुनाव अधिकारी ने निलेश कुम्भानी का नामांकन फॉर्म रद्द कर दिया था। बीजेपी ने कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी के फॉर्म में उनके तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर को लेकर सवाल उठाए थे।
 
वहीं कांग्रेस ने नामांकन खारिज का आरोप सरकार पर मढ़ दिया है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार की धमकी के सामने सब डरे हुए हैं। कांग्रेस के नेता और एडवोकेट बाबू मांगुकीया ने कहा हमारे तीनों प्रस्तावकों का अपहरण हुआ है, चुनाव अधिकारी को अभी फॉर्म पर हस्ताक्षर हुए हैं या नहीं, इसकी नहीं बल्कि अपहरण की जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हस्ताक्षर टेली किए बगैर फॉर्म रद्द करना गलत है, प्रस्तावकों के हस्ताक्षर सही हैं या गलत उसकी जांच के बगैर फॉर्म रद्द करना गलत है।
 
वहीं निलेश कुम्भानी के प्रस्तावक में उनके बहनोई, भांजे और भागीदार के हस्ताक्षर होने का दावा किया गया था लेकिन तीनों प्रस्तावकों ने चुनाव अधिकारी के सामने कल एफिडेविट कर कहा था कि निलेश कुम्भानी के फॉर्म में उनके हस्ताक्षर नहीं है, जिसके बाद से तीनों प्रस्तावक गायब हो गए।
 
चुनाव अधिकारी ने कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी के प्रस्तावक उनके बहनोई जगदीश सावलिया, उनके भांजे ध्रुविन धामेलिया और भागीदार रमेश पोलरा के निवेदन का वीडियो रिकॉर्डिंग भी किया था। प्रस्तावकों के दावे के बाद चुनाव अधिकारी ने जवाब देने के लिए कांग्रेस कैंडिडेट निलेश कुम्भानी को एक दिन का वक्त दिया था। कांग्रेस के कैंडिडेट निलेश कुम्भानी अपने एडवोकेट के साथ चुनाव अधिकारी को जवाब देने पहुंचे थे, लेकिन तीन में से एक भी प्रस्तावक मौजूद नहीं रहे। बता दें कि, देश के पूर्व पीएम मोरारजी देसाई 5 बार गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से सांसद रहे थे, लेकिन साल 1989 से सूरत लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है। 
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