भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के मामले में एक और बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल भारतीय नौसेना ने पनडुब्बी रोधी मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल सिस्टम डीआरडीओ ने नौसेना के लिए ही विकसित किया है। भारतीय नौसेना ने बुधवार को ओडिशा में बालासोर के तट पर सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया। बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सुपरसोनिक मिसाइल सिस्टम ने उड़ान भरी। यह अगली पीढ़ी का मिसाइल सिस्टम है, जो लाइटवेट टॉरपीडो डिलीवरी सिस्टम पर आधारित है। इसे डीआरडीओ द्वारा ही डिजाइन और विकसित किया गया है।
पनडुब्बी रोधी युद्ध में यह मिसाइल सिस्टम बेहद अहम है। यह मिसाइल लंबी दूरी के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। SMART मिसाइल को युद्धक जहाज के साथ ही तटीय इलाकों से भी लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल अपनी अधिकांश उड़ान कम ऊंचाई पर हवा में पूरी करती है और अपने लक्ष्य के नजदीक जाकर मिसाइल से टॉरपीडो रिलीज होकर पानी के भीतर लक्ष्य को भेद देगा।
टॉरपीडो एक सिगार के आकार का हथियार होता है, जिसे पनडुब्बी, युद्धक जहाज या लड़ाकू विमान से दागा जा सकता है। यह टॉरपीडो अपने लक्ष्य के संपर्क में आते ही धमाके के साथ विस्फोट हो जाती है। इस मिसाइल सिस्टम के नौसेना में शामिल होने के बाद नौसेना की मेरीटाइम क्षमता काफी बढ़ जाएगी। पनडुब्बी रोधी युद्ध में यह मिसाइल सिस्टम बेहद अहम साबित होगा।