नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रामनवमी के दिन हुई हिंसा को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस से बात की और हावड़ा की स्थिति का जायजा लिया। इससे पहले अमित शाह ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुकांत मजूमदार के साथ फोन पर बात कर कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की थी। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई। इस दौरान भाजपा और तृणमूल कांग्रेस ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति की। भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने हावड़ा में हुई हिंसा को लेकर ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि रामनवमी के मौके पर हुई हिंसा बहुत निराशाजनक है। हर रामनवमी और दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान बंगाल से इस तरह के दृश्य सामने आते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है कि बंगाल में हिंदुओं का जीवन खतरे में है।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी 30 घंटे के धरने पर बैठी थीं। उन्होंने क्या कहा? रमजान के दौरान मुसलमान अच्छे से रहते हैं। क्या यह इसका उदाहरण है? वह वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति के लिए मुसलमानों के साथ हैं। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है। ऐसे में उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। वह मुख्यमंत्री भी हैं और गृह मंत्री भी। इसके बावजूद वह इसे रोकने में असमर्थ हैं। एनआईए द्वारा मामले की जांच की जानी चाहिए। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि बंगाल के चुनाव हो तो उसके बाद भी हजारों लोगों के ऊपर पथराव, आगजनी, बम फेंकना ये आम बात हो गई है। ममता बनर्जी के राज में जिस तरह से पत्रकारों पर हमले हुए, रामनवमी की शोभायात्रा पर पथराव हुआ है, इससे ज्यादा शर्मनाक क्या होगा। जो लोग प्रेस की स्वतंत्रता की बात करते हैं, वो आज चुप क्यों हैं ?
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पुलिस अपना काम नहीं कर रही है। वे मूक दर्शक हैं। वे कुछ नहीं कर रहे हैं। हिंदुओं के सभी घरों में तोड़फोड़ की गई है। काज़ीपारा इलाके के सभी हिंदुओं को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा। ममता बनर्जी ने इलाके में शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि हावड़ा की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हावड़ा में हिंसा के पीछे ना तो हिंदू थे और ना ही मुस्लिम थे। बजरंग दल और अन्य ऐसे संगठनों के साथ भाजपा हथियारों के साथ हुई इस हिंसा में शामिल थी। उल्लेखनीय है कि रामनवमी के मौके पर हुई हिंसा के बाद इलाके में भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।