नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। अदालत ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले के CBI मामले में ये सुनवाई की। राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज एमके नागपाल की कोर्ट मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर 31 मार्च को 4 बजे फैसला सुनाएगी। इससे पहले सिसोदिया की सीबीआई जमानत के मामले में वकील दयान कृष्णन ने दलील दी कि मोबाइल फोन सीज हो चुका है। अन्य फोन सेट को लेकर हम जवाब दे चुके हैं। हमारी अपील है कि अब जमानत पर रिहाई का आदेश दिया जाए। सिसोदिया के वकील ने कहा कि सीबीआई कानून के दायरे में काम नहीं कर रही है। सीबीआई को जो डिवाइस मिले हैं, उसमें सीधे तौर पर मनीष के खिलाफ कुछ नहीं मिला है। इस मामले में सीबीआई सिर्फ मनीष को परेशान कर रही है। आबकारी मामले में सीबीआई मामले में सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। सीबीआई के पास इस मामले में अब कुछ नया नहीं है।
सिसोदिया के वकील ने पी। चिदम्बरम केस का हवाला दिया और कहा, "मनीष सिसोदिया की पत्नी मल्टीप्ल बीमारी से जूझ रही है। उनकी देखभाल करने के लिए कोई नहीं है। उनका मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में जमा किया जा चुका है। इस मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत दी जानी चाहिए। इस पर सीबीआई ने मनीष की दलील का विरोध किया और कहा कि मनीष के पास 18 मंत्रालय थे, उनको सारी जानकारी थी। आबकारी मामले में एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट में जिसको रवि धवन ने तैयार किया था, उसे देखकर डिस्टर्व हो गए। इस मामले में सीधे तौर पर लोगों को फायदा पहुंचाना उद्देश्य था।