नई दिल्ली। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री और उनकी कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लिया है। शहबाज शरीफ और उनकी कैबिनेट के मंत्रियों ने देश के मुश्किल में फंसे होने की स्थिति में वेतन और अन्य भत्ते नहीं लेने का फैसला किया है। ये फैसला सरकार के अनावश्यक खर्चों को कम करने की दिशा में उठाया गया है। इसके अलावा नई सरकार ने प्रधानमंत्री और मंत्रियों के विदेशी दौरों को भी कम करने को कहा है। कैबिनेट मंत्रियों, सांसदों और सरकारी कर्मचारियों को बिना मंजूरी के सरकारी फंड पर विदेशी दौरे नहीं करने का आदेश दिया गया है।
पिछले हफ्ते राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी इन्हीं कारणों का हवाला देते हुए वेतन नहीं लेने का फैसला किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के कदमों को आमतौर पर आम जनता के लिए राहत भरा माना जाता है। क्योंकि मुल्क के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और शीर्ष मंत्रियों के वेतन नहीं लेने से जनता में एक सकारात्मक संदेश जाता है।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कर्ज के जाल में फंसी हुई है। मुल्क की अर्थव्यवस्था पर 130 अरब डॉलर से अधिक का बाहरी कर्ज है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार आठ अरब डॉलर ही है। देश में महंगाई दर 23 फीसदी है। बीते दो सालों में पाकिस्तान की मुद्रा का मूल्य अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 50 फीसदी से अधिक घटा है।
पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बीच तीन अरब डॉलर के बेलाउट पैकेज को लेकर सहमति बनी है। इस समझौते के तहत आईएमएफ तय पैकेज में से पाकिस्तान को 1।1 अरब डॉलर की धनराशि जारी करेगा। आईएमएफ का कहना है कि उसके कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी के बाद यह धनराशि 11 अप्रैल को खत्म हो रहे समझौते की मियाद से पहले आवंटित की जाएगी। हालांकि, आईएमएफ का कहना है कि हाल के महीनों में पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है।
पाकिस्तान के संसद द्वारा राष्ट्रपति का वेतन तय किया जाता है। पाकिस्तानी संसद के मुताबिक, राष्ट्रपति को हर महीने 8,46,550 रुपये मिलते हैं। इसके अलावा उन्हें अन्य भत्ते और सुविधाएं भी मिलती हैं। वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का वेतन 11,26,616 रुपये है। पाकिस्तान में आखिरी बार 2022 में कैबिनेट का वेतन और अन्य भत्ते बढ़ाए गए थे। उस समय के बजट डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, कैबिनेट ने अगले वित्त वर्ष में मंत्रियों के लिए 8।87 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
इसी के साथ कैबिनेट मंत्रियों को मिलने वाली भत्ता राशि भी 63।5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 64।1 करोड़ रुपये कर दी गई थी। परिवहन से लेकर मेंटेनेंस तक की सुविधाओं के बजट को भी बढ़ाया गया था। इस तरह कुल बजट की धनराशि 21।8 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 22 करोड़ की गई थी। भ्रष्टाचार के मामले में बीते कई महीनों से पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मौजूदा शहबाज शरीफ सरकार को लेकर भविष्यवाणी की है। इमरान खान ने कहा है कि मौजूदा सरकार चार से पांच महीने से अधिक नहीं टिक पाएगी। इमरान खान ने कहा कि मौजूदा सरकार के गिरने के बाद ही अदियाला जेल से उनकी रिहाई का रास्ता साफ होगा। यही कारण था कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) कैबिनेट में शामिल नहीं हो रही थी।