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मणिपुर के बाद इस राज्य के सीटों में भी दोबारा होगा मतदान, चुनाव आयोग का बड़ा फैसला

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 22 2024 4:31PM | Updated Date: Apr 22 2024 4:31PM
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भारतीय चुनाव आयोग ने मणिपुर के बाद अरुणाचल प्रदेश में भी दोबारा मतदान कराने का फैसला किया है। अरुणाचल प्रदेश के आठ मतदान केंद्रों पर दोबारा वोटिंग कराई जाएगी। अरुणाचल प्रदेश में 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान में कई मतदान केंद्रों पर हिंसा हुई थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने इन केंद्रों पर दोबारा मतदान कराने का फैसला किया है। यहां 19 अप्रैल को हुआ मतदान मान्य नहीं होगा। अरुणाचल प्रदेश में 19 अप्रैल को लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव के लिए भी पूरे राज्य में मतदान हुआ था।

चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि अरुणाचल प्रदेस में विधानसभा चुनाव मतदान के दौरान हिंसा और ईवीएम को नुकसान पहुंचाने की खबरें आई थीं। चुनाव आयोग ने आठ मतदान केंद्रों में 19 अप्रैल को हुए मतदान को अमान्य करार देते हुए 24 अप्रैल को दोबारा मतदान की तारीख तय की है। उप मुख्य चुनाव अधिकारी लिकेन कोयू ने बताया कि राज्य के आठ मतदान केंद्रों पर सुबह 6 बजे से दोपहर जो बजे तक मतदान होगा।

चुनाव आयोग ने पूर्वी कामेंग जिले के बामेंग विधानसभा क्षेत्र में सारियो, कुरुंग कुमेय में न्यापिन विधानसभा सीट के लोंगटे लोथ, ऊपरी सुबनसिरी जिले में नाचो निर्वाचन क्षेत्र के डिंगसेर, बोगिया सियुम, जिम्बारी और लेंगी, सियांग जिले के रुमगोंग विधानसभा क्षेत्र के बोग्ने और मोलोम मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराने का फैसला किया है। अरुणाचल प्रदेश में 50 विधायकों के चयन के लिए 19 अप्रैल को मतदान किया था। यहां मतदान प्रतिशत 76.44 रहा था। राज्य में 60 विधानसभा सीट हैं, लेकिन 10 सीटों पर उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव जीत चुके हैं।

मणिपुर में पिछले एक साल के अंदर जमकर हिंसा हुई है। यहां दो समुदायों के बीच संघर्ष जारी है, जिसके कारण कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है और सैकड़ों परिवार भी इससे प्रभावित हुए हैं। अब हजारों लोग अपना घर छोड़कर राहत शिविर में रहने के लिए मजबूर हैं। ऐसे में यहां चुनाप के प्रति ज्यादा उत्साह नहीं था। सभी उम्मीदवारों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रचार किया। चुनाव आयोग को पहले ही मतदान के दौरान हिंसा का डर था। इस वजह से आउटर मणिपुर सीट पर दो चरण में मतदान कराने का फैसला किया गया ताकि कानून व्यवस्था बनाई जा सके और सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए निष्पक्ष तरीके से मतदान हो। हालांकि, भीतरी मणिपुर में एक ही चरण में मतदान होना था, लेकिन यहां भी कई बूथों पर हिंसा हुई। इसके बाद आयोग ने 11 बूथों पर दोबारा मतदान कराने का फैसला किया।

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