कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बुधवार को देश की पहली अंडर वॉटर मेट्रो ट्रेन (Under Water Metro Train) का उद्घाटन करेंगे। कोलकाता की अंडर वॉटर मेट्रो का निर्माण हुगली नदी (Hooghly River) के नीचे कराया गया है। कुछ दिनों पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कोलकाता मेट्रो (Kolkata Underwater Metro) रेल सेवाओं की समीक्षा की थी। अब इसे प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को देश को समर्पित करेंगे। अंडर वॉटर मेट्रो के अलावा पीएम मोदी कवि सुभाष-हेमंत मुखोपाध्याय और तारातला-माझेरहाट मेट्रो खंड का भी उद्घाटन करेंगे।
ये अंडर वॉटर मेट्रो टनल हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड सेक्शन के बीच दौड़ेगी। अंडर वॉटर मेट्रो टनल हुगली नदी के तल से 32 मीटर नीचे चलेगी। कोलकाता मेट्रो हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड टनल भारत में किसी भी नदी के नीचे बनाए जाने वाली पहला ट्रांसपोर्ट टनल है। उम्मीद है कि मेट्रो हुगली नदी के नीचे 520 मीटर की दूरी 45 सेकंड में तय कर लेगी। हैदराबाद मेट्रो में दिखा बिरयानी का पहाड़, नागपुर मेट्रो में संतरे ही संतरे, कोलकाता में तो मछली लेकर ही चढ़ गए लोग... ये आखिर हो क्या रहा है...
कुछ अंडर वॉटर मेट्रो रूट ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर (ग्रीन लाइन) का हिस्सा है, जिसमें हावड़ा मैदान से एस्प्लनेड तक 4।8 किमी रूट बनकर तैयार है। इसमें 4 अंडरग्राउंड स्टेशन हैं- हावड़ा मैदान, हावड़ा स्टेशन, महाकरण और एस्प्लनेड हावड़ा स्टेशन जमीन से 30 मी। नीचे बना है। ये दुनिया में सबसे गहराई में बना मेट्रो स्टेशन हैं। अभी पानी के नीचे मेट्रो रूट लंदन और पेरिस में ही बना है।
हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड के बीच पानी के नीचे मेट्रो सुरंग टनल पर कोलकाता मेट्रो रेलवे के जनरल डायरेक्टर उदय कुमार रेड्डी ने कहा, 'हम नदी के पानी के स्तर से लगभग 16 मीटर नीचे यात्रा कर रहे हैं। हम प्रतिदिन 7 लाख यात्रियों की संख्या की उम्मीद कर रहे हैं।' कोलकाता में पहली अंडरवॉटर मेट्रो, हुगली नदी के नीचे 500 मीटर लंबी सुरंग से गुजरेगी
कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर (प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग) सैयद मो। जमील हसन बताते हैं कि 2010 में टनल बनाने का कॉन्ट्रैक्ट एफकॉन्स कंपनी को दिया। एफकॉन्स ने जर्मन कंपनीहेरेनकनेक्ट सेल बोरिंग मशीन (टीबीएम) मंगाईं। इन मशीनों के नाम प्रेरणा और रचना हैं, जो एफकॉन्स के एक कर्मचारी की बेटियों के नाम पर हैं।
इस प्रोजेक्ट की दो सबसे बड़ी चुनौतियां थीं। पहली खुदाई के लिए सही मिट्टी का चुनाव और दूसरी टीबीएम की सेफ्टी कोलकाता में हर 50 मी। दूरी पर अलग-अलग तरह की मिट्टी मिलती है। टनल के लिए सही जगह पहचानने के लिए मिट्टी के सर्वे में ही 5-6 महीने गुजर गए 3 से 4 बार सर्वे के बाद तय हुआ कि हावड़ा ब्रिज से हुगली नदी के तल से 13 मी। नीचे की मिट्टी में टनल बन सकती है।