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चुरा लिया है तुमने जो दिल को..आज भी गूंजती है पंचम की आवाज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 26 2019 1:31PM | Updated Date: Jun 26 2019 1:31PM
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मुंबई। बॉलीवुड में अपनी मधुर संगीत लहरियों से श्रोताओ को मंत्रमुग्ध करने वाले महान संगीतकार आर डी बर्मन आज हमारे बीच नहीं है लेकिन फिजां के कण-कण में उनकी आवाज गूंजती महसूस होती है जिसे सुनकर श्रोताओं के दिल से बस एक ही आवाज निकलती है- ‘चुरा लिया है तुमने जो दिल को। आर डी बर्मन का जन्म 27 जून 1939 को कलकत्ता में हुआ था। उनके पिता एस डी बर्मन फिल्म जगत के जाने माने संगीतकार थे।
 
घर में फिल्मी माहौल के कारण उनका भी रूझान संगीत की ओर हो गया और वह अपने पिता से संगीत की शिक्षा लेने लगे। उन्होंने उस्ताद अली अकबर खान से सरोद वादन की भी शिक्षा ली। फिल्म जगत में ‘पंचम’ के नाम से मशहूर आरडी बर्मन को यह नाम तब मिला जब उन्होंने अभिनेता अशोक कुमार को संगीत के पांच सुर ‘सा, रे, गा, मा, पा’ गाकर सुनाया। नौ वर्ष की छोटी सी उम्र में पंचम दा ने अपनी पहली धुन ‘ए मेरी टोपी पलट के आ’ बनायी और बाद में उनके पिता सचिन देव बर्मन ने उसका इस्तेमाल वर्ष 1956 में प्रदर्शित फिल्म ‘फंटूश’ में किया।
 
इसके अलावा उनकी बनायी धुन ‘सर जो तेरा चकराये’ गुरूदत्त की फिल्म ‘प्यासा’ के लिये इस्तेमाल की गयी। अपने सिने कैरियर की शुरूआत आरडी बर्मन ने अपने पिता के साथ बतौर संगीतकार सहायक के रूप में की। इन फिल्मों में ‘चलती का नाम गाड़ी’ (1958) और ‘कागज के फूल’ (1959) जैसी सुपरहिट फिल्में भी शामिल हैं।
 
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