प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) यानी ईडी (ED) ने शुक्रवार 3 मई को कहा है कि उसने छत्तीसगढ़ में कथित आबकारी घोटाले (Excise Scams) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) की जांच के तहत रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा (Retired IAS Officer Anil Tuteja), रायपुर के महापौर (Raipur Mayor) के बड़े भाई व अन्य व्यक्तियों की 205 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक की संपत्ति कुर्क की है।
जांच एजेंसी (Investigation Agency) ने एक बयान में कहा कि कुर्क की गई संपत्तियों में टुटेजा की 15.82 करोड़ रुपये की 14 संपत्तियां, रायपुर के महापौर व कांग्रेस नेता ऐजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर की 116.16 करोड़ रुपये की 115 संपत्तियां, विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू की 1.54 करोड़ रुपये की संपत्तियां और अरविंद सिंह की 12.99 करोड़ रुपये की 33 संपत्तियां शामिल हैं।
बयान के अनुसार, भारतीय दूरसंचार सेवा (Indian Telecom Service) यानी ITS के अधिकारी और आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी की 1.35 करोड़ रुपये की संपत्ति, त्रिलोक सिंह ढिल्लों की 28.13 करोड़ रुपये की नौ संपत्तियां, नवीन केडिया के 27.96 करोड़ रुपये के आभूषण और आशीष सौरभ केडिया/दिशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड की 1.2 करोड़ रुपये की चल संपत्ति कुर्क की गई है।
ईडी ने कहा कि अनवर ढेबर की कुर्क की गई संपत्तियों में होटल वेनिंगटन कोर्ट, रायपुर शामिल है। कुर्क की गईं संपत्तियों की कुल कीमत 205.49 करोड़ रुपये है। ईडी ने टुटेजा को इस मामले में हाल ही में गिरफ्तार किया था। ईडी का आरोप है कि शराब की अवैध बिक्री के माध्यम से अर्जित कमीशन को 'राज्य के सर्वोच्च नेताओं के निर्देशों के अनुसार' साझा किया गया था।